कहते है बाप के लिए सबसे बड़ा बोझ बेटे की अर्थी को कन्धा देना होता है। लेकिन क्या किसी ने आरुशी के पिता से पूछने की कोशिश की उनका दर्द क्या है। बिना बेटे की अर्थी को कन्धा दिए उसने दुनिया का सबसे बड़ा बोझ उठाया। वह है जिल्लत का। मीडिया के दवाब में पुलिस ने उसे अपने ही जिगर के टुकडे का हत्यारा बना दिया। ये मीडिया ही था जिसने पहले दिन टॉप लीड दी थी कि पापा ने ही मारा आरुशी को। बाद में इसी मीडिया ने दिया कि पापा ने नही मारा आरुशी को। मीडिया ने अपना कम किया और पुलिस ने अपना। बीच में पिसा तो सिर्फ़ अभागा बाप।
3 comments:
sahi hai
क्या करियेगा?? सब अपने आप में मगन-अपना खेत सींच रहे हैं.
rajeev bhai, chalo koi to aage aaya rajesh talwar ke liye. ye wakai wo abhaga baap jo beti ki mout ka matam bhi dhang se nahi mana saka.
-kapil meerut
Post a Comment