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Tuesday, July 8, 2008

कब आएगी वो दुनिया जो हमको रूह देगी

अंधेरे जीवन में कैसे रोशनी होगी

हम रोज दुखों से हौसला उधार मागंते है

हम कांच के खिलौने हैं प्यार मागंते हैं