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Saturday, April 6, 2013

प्यार क्या है

प्यार क्या है
एक आदत सी है
जब पड़ जाती है एक-दूसरे की
तो मिट जाती है जिस्म की पहचान!

प्यार क्या है
एक इबादत सी है
जब करने लगते हैं एक-दूसरे की
तो बन जाते हैं भगवान!

प्यार क्या है 
एक शिकायत सी है
जब हो जाती है एक दूसरे से
तो दिल का घर बन जाता है मकान

प्यार क्या है
एक कयामत सी है
जब टूटती है दो दिलों पर
तो दे देती है या ले लेती है जान!
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10 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...


कल दिनांक 08/04/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!

Rajendra kumar said...

बहुत ही बेहतरीन परिभाषा प्यार की.

ओंकारनाथ मिश्र said...

सुंदर परिभाषा.

Unknown said...

aap sabhi ka dhanywaad....

कालीपद "प्रसाद" said...

खुबसूरत परिभाषा
LATEST POSTसपना और तुम

कालीपद "प्रसाद" said...

खुबसूरत परिभाषा
LATEST POSTसपना और तुम

कविता रावत said...

प्यार क्या है
एक इबादत से है
जब करने लगते है एक दूसरे की
तो बन जाते हैं भगवान्...
..बहुत सही ..बहुत सुन्दर ..

Anonymous said...

pyar ki bahut sundar paribhashayen ... khas taur se ibadat aur shikayat vali paribhasha to bas adbhut hi hai ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सटीक परिभाषा प्यार की ...

Unknown said...


आपकी प्रतिक्रियाएं मेरा उत्साहवर्धन करेंगी। धन्यवाद.........