जब-जब फूटता है
दिल में उसकी यादों का लड्डू
मीठी सी लगने लगती है सारी कायनात
टपकने लगती है सांसों से चाशनी
और मैं बन जाती हूं मिठास....
गुलदाने सी चिपक जाती हैं
जहां-तहां मुझसे, तेरी बातें,
बाहों में तेरी
ताजे गर्म गुड़ सी हो जाती हैं मेरी रातें,
मिश्री की डली बन जाते हैं अहसास
जब-जब फूटता है....