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Monday, July 21, 2008

जै जै कुर्सी मैया

मनमोहन कुर्सी बचाइए, बिन कुर्सी सब सून,
कुर्सी के बिन नहीं मिले, सोनिया को सुकून।

सांसद- वान्साद जोड़ के, कुर्सी लई बनाय,
चढ़ मनमोहन कह रहे, सरकार लियो बचाय

पाहन पूजे हरी मिले, तो मैं पूजूं पहार
ताते यह कुर्सी भली, बनवादे सरकार

बम भोले का शोर है, एटम बम का जोर
भक्ति-शक्ति साथ ले रहीं मनवा में हिलोर

सत्ता सुख

करार पर रार का रिजल्ट सामने है। सत्ता सुख के लिए पराये अपने हो गये हैं। और अपने पराये। सभी देशहित में फैसले ले रहे हैं। लेकिन इस देशहित का क्या मतलब है, किसी को पता।