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Wednesday, January 6, 2010

नयी सुबह के गीत गायें

रह  गया बाकी बहुत कुछ, साथ मिलकर पूर्ण कर लें

 नभ  को झुका दें हम धरा पर, धरती को नभ के तुल्य कर लें

छेड़े चलो वो रागिनी हर दिल ख़ुशी से झूम जाए

रात बीती, बात बीती, नयी सुबह के गीत गायें


आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

2 comments:

Unknown said...

bahut khoob

समयचक्र said...

बेहद सुन्दर चित्र..वाह